दो हीरो की अनमोल कहानी | motivation story

दो हीरो की अनमोल कहानी | motivation story



हम लोग सोचते हैं ना कि अगर हम खाली बाल्टी देख लेते हैं तो हम सोचते हैं कि यह मांगने आया लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है कि वह बात कर आया हूं दान करके आया हूं अपनी धर्म दाएं और सोचना क्या सोच सकते हैं सामने वाले को देखकर के क्या जज कर सकते हैं वह सब आपके ऊपर है डिपेंड करता है क्या आप पॉजिटिव सोचते हैं या नेगेटिव सोचते हैं देखने का सबका अपना-अपना नजरिया होता है यह कहानी है 

दो हीरो की जो बहुत ही मजेदार कहानी है एक व्यापारी था वह ऊंट का व्यापार करता था एक दिन वह बाजार में ऊंट खरीदने के लिए गया और वहां से एक ऊंट खरीद कर लाया जब वह अपने घर आया और उसका नौकर उसके पास आया उसके मालिक ने जो इसको सभी ऊंट के साथ ले जाओ और वहां पर अच्छे से ऐसे चारा खिलाओ नौकर गया और ऊंट को लेकर गया उसको बांदा और उसे चारा खिलाया ऊंट की जो गाड़ी होती है उसे नौकर ने हटाया तो उसे कुछ हीरे मिले वह हीरो को देखकर बहुत खुश हो गया और दौड़ते हुए मलिक के पास गया बोला मालिक मालिक आप ऊंट नहीं बहुत हीरे भी लेकर आए हैं साथ में देखो मलिक ने कहा दिखाओ मलिक ने देखा और कहा यह तो सच में हीरे हैं जो इसे ऊंट पर दोबारा से रख दो और चलो इस सूट को लेकर के चलते हैं और यह हीरो को वापस करके आते हैं नौकर ने मन ही मन सोचा कितना बेवकूफ मालिक है घर आए हुए हीरो को वापस कर रहे हैं 


दो हीरो की अनमोल कहानी | motivation story motivation story
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उसने मालिक से कहा मलिक इसे अपने पास रख लेते ना कौन देख रहा है हम तो ऊंट लेकर आए थे हमें मिल गए तो हम रख सकते हैं ना हमारी इसमें क्या गलती हमने थोड़ी चुराया है 

ईमानदारी एक सबसे बड़ा औजार:


मलिक ने कहा नहीं नहीं इसे हमें वापस करके आना ही होगा मलिक ऊंट को लेकर वहीं गया जहां से उसने उसे खरीदा था और उसे ऊंट के मालिक को ढूंढने लगा जिससे उसने उनको लिया था थोड़े टाइम ढूंढने के बाद उसे ऊंट वाला मिल गया और उसने कहा सुनो भाई साहब यह जो मैं आपसे उठ लेकर गया था इसकी पीठ पर कुछ हीरे बंधे हुए थे तो उसने कहा वह आप तो बहुत ईमानदार हैं मैं इन्हीं हीरो को बहुत देर से खोज रहा था कहां गए मिल ही नहीं रहे थे बट आपने बहुत अच्छा किया जो आप इनको मेरे पास लेकर आए आप बहुत ही नि और सच्चे दिल इंसान है जिसने हीरो को वापस किया है 


आजकल कोई ऐसे काम नहीं करता कौन हीरो को वापस करता है किसी को मिल जाए तो छुआ और लेते हैं बताते भी नहीं है बट आपने ने वापस किया आप बहुत ही ईमानदार व्यक्ति हैं आप मेरी तरफ से दो हीरे रख लीजिए मलिक ने मना किया कहां नहीं नहीं मैं नहीं रख सकता ऊंट वाले ने कहा रख लो रख लो उसके बहुत खाने के बाद मलिक ने कहा मैंने पहले ही दो हीरे रख लिए ऊंट वाला बहुत गुस्सा हुआ इसने तो पहले हीरे चुरा लिए मेरे पहले से हीरे निकाल लिए हैं बहुत गुस्सा हुआ और पोटली खोलकर उन हीरो को गिरने लगा जब उसने हीरो की गिनती पूरी करी तो हीरे सारे थे जितने उतने हीरे थे उतने ही उसमें हीरे निकले तो उसने कहा यह तो हीरे पूरे हैं आपने तो इसमें से कुछ लिया ही नहीं फिर आपने ऐसा क्यों बोला कि मैं पहले ही दो हीरे रख लिए मलिक ने कहा मेरे पास पहले से ही दो अनमोल हीरे हैं ईमानदारी और सेल्फ रिस्पेक्ट यही दो मेरे अनमोल ही रहे हैं यह मुझे बहुत ही खुशी दिलाते हैं इनसे बड़ा मेरे लिए कोई हीरा नहीं हो सकता इसीलिए कहते हैं 

कि जीवन में ईमानदार होना और अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट बनाए रखना बहुत ही जरूरी होता है पैसा क्या है पैसा तो कभी भी आ सकता है जा सकता है ऐसा तो है नहीं कि आप पैसे को हमेशा के लिए रख सकते हैं ऐसा तो आता रहता जाता रहता है बट ईमानदारी और सेल्फ रिस्पेक्ट बनाए रखना बहुत बड़ी बात होती है यह सबसे बड़ी बात है अगर आपने यह अपने जीवन में कर लिया 


तो आपकी अंतरात्मा प्रसन्न हो जाएंगे संपन्न हो जाएंगे सुखी हो जाएंगे और आपको इससे ज्यादा खुशी कहीं नहीं मिलेगी किसी भी चीज में नहीं मिलेगी पैसा क्या है पैसा तो एक हाथ का महल है कभी भी आ सकता है

इसीलिए कहते हैं कि कर दिखाओ कुछ ऐसा की दुनिया भी सोचने पर मजबूर हो जाए कि करना है मुझे भी कुछ इसी के जैसा |


दुनिया में धनिया दौलत हमेशा किसी के पास नहीं रहता रहता है तो सिर्फ इज्जत नाम शोहरत का क्या है सूरत तो कभी भी खत्म हो सकती है आ सकती है जा सकती है उसका कोई ठिकाना नहीं है कब किसके पास कितना होगा कोई डिसाइड नहीं कर सकता तो इसलिए आप अपने जीवन को एक इस काबिल बनाया कि आप पर कोई उंगली ना उठा सके सेल्फ रिस्पेक्ट कमाइए और अपने जीवन में आगे बढ़ते रहिए दुनिया का क्या है 


दुनिया तो जो सोचेगी सोने दो उसे पर आपको भरोसा नहीं करना नहीं उनकी बातों में आना दुनिया क्या दुनिया तो भगवान को भी गालियां देती है जो भगवान को गाली दे सकता है वह तुमको क्यों नहीं देगा उसके क्या जाता है उसे तो बस मुंह चलाना है मुंह चलेगा और गंदा मुंह चलेगा तो गालियां निकलेंगे सही में चलेगा तो अच्छा ही निकलेगी तो इसीलिए कहते हैं कि सामने वाला क्या सोच रहा है तुम्हारे बारे में उससे कोई इफेक्ट नहीं पढ़ना चाहिए आप जो करना चाहते हैं 


करते रहिए आपको रुकने की कोई जरूरत नहीं है अपने जीवन में ईमानदारी और सेल्फ रिस्पेक्ट यह दो ऐसी चीज हैं जिसमें हमेशा बनाए रखिए अगर इन दोनों से अपने छुटकारा पा लिया तो आप जीवन में कुछ भी नहीं हैचाहे आप कितने भी दौलतवान हो या आपके पास कितने भी पैसे हो कोई फर्क नहीं पड़ता यह सब चीज मैटर नहीं करती अगर आपके पास ईमानदारी और सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं है आपकी बात नहीं मान रहा है कोई आपकी बात की कोई वैल्यू नहीं है तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ पाएगा कि आपके पास क्या है 

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