टीचर्स की पावर | story of education system

टीचर्स की पावर | story of education system 


कुछ समय पहले की बात है अमरनाथ हाई स्कूल नाम का एक स्कूल हुआ करता था स्टार्टिंग में इस स्कूल की प्रिंसिपल बहुत अच्छी हुआ करती थी बट इस केक 22 प्रिंसिपल थी जो की बहुत ही घमंडी और बहुत ही बेकार वाइस प्रिंसिपल थी जो सभी टीचरों पर अपना हम जमाना चाहते थे बट अच्छा प्रिंसिपल होने के कारण उसकी एक भी चल नहीं पाती थी 



उसको प्रिंसिपल के अंदर में रहकर काम करना पड़ता था और यह उसे पसंद नहीं था बाय प्रिंसिपल के दिमाग में कुछ अजीब तरीके के विचार उत्पन्न होने लगे थे और वह खुद प्रिंसिपल बनना चाहती थी ताकि उसे कोई कुछ कहा ना सके और वह अपनी अपनी मनमानी सभी पर चला सके बट प्रिंसिपल के रहते हुए यह संभव नहीं था स्कूल में कल्चरल प्रोग्राम होने वाला था सभी टीचरों ने बच्चों को अच्छे से ट्रेंड किया और डांस वगैरह सब कुछ उनको सिखाए वाइस प्रिंसिपल जब उनको चेक करने जाती थी तो सभी टीचर उसे देखकर घबरा जाते थे और उसे सब हिटलर कहकर पुकारते थे आ गई हिटलर और हमें आकर सुनाएगी | 

टीचर्स की पावर | story of education system
टीचर्स की पावर | story of education system 



कल्चरल प्रोग्राम हुआ कल्चरल प्रोग्राम में उसे स्कूल के मैनेजर का बेटा जो लंदन से बी करके आया था वह सब उसे कल्चरल प्रोग्राम में आने वाले सभी के याद आने के बाद कल्चर प्रोग्राम स्टार्ट किया गया बाय प्रिंसिपल ने मैनेजर के बेटे जो एमबीए करके आए हुए थे उनके कान भर के यह सब मैंने करवाया है आपको कैसा लग रहा है यह सब मैं ऑर्गेनाइज किया था अगर आपको इसमें कोई दिक्कत आ रही है तो प्लीज मुझे बताइए मैं स्कूल को अच्छे से हैंडल कर रही हूं अगर कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगी आपको आप टेंशन मत लीजिए आपका स्कूल पूरी सिटी में नंबर वन हो जाएगा और इस स्कूल का कोई भी मुकाबला नहीं कर पाएगा आप मुझ पर भरोसा रखिए इस तरीके से उसने मैनेजर की लड़की की कान भरकर जो पुरानी प्रिंसिपल थी 


कल्चर प्रोग्राम होने के बाद उसे हटा दिया और खुद प्रिंसिपल बन गई अब उसे रोकने वाला कोई नहीं था वह जो चाहे वह कर सकते थे टीचरों पर अपनी मनमानी चला सकती थी टीचरों को अपने तरीके से नाचा सकती थी जो मैनेजर था वह भी अंधा था उसे बस अपने स्कूल का नाम टॉपर चाहिए था उसे समझ नहीं आ रहा था की तरीका गलत है क्या कर रहा हूं मैं बट वह स्कूल को नंबर बनाने के लिए अंधा था उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था कि यह क्या करना चाह रही है और क्या कर रही है

शिक्षा का गलत उपयोग करने का परिणाम: 


पुरानी प्रिंसिपल हटाने के बाद में इसने जो बड़े बुरे टीचर्स डे उन पर हुकुम स्टार्ट किया और उन्हें और उन्हें टॉर्चर करना स्टार्ट कर दिया था यह उन सभी बड़े-बड़े टीचरों को निकालना चाहते थे क्योंकि उनकी सैलरी ज्यादा थी और उसे सैलरी में नए यंग टीचर्स को रखना चाहते थे जो उनकी सैलरी में दो-तीन आ जाएंगे उसने इसे मैनेजिंग डायरेक्टर सभी से डिस्कस किया और उन लोगों ने भी से मंजूरी दे दी पता नहीं इन लोगों को क्या सोचा क्या सोच समझ कर उसे यह सब करने दिया अंधे थे ना उन्हें स्कूल अपना टॉप का चाहिए था फिर उसे प्रिंसिपल ने सोचा कि मैं इन टीचरों को खुद नहीं निकलूंगी यह अपने आप ही टीचर स्कूल छोड़कर चले जाएंगे मैं इतना टॉर्चर करूंगी की सह नहीं पाएंगे नहीं सह पाएंगे तो इन्हें मजबूरन स्कूल छोड़कर जाना पड़ेगा

बट उसे कहां पता था कि आगे क्या होने वाला है एक दिन क्या हुआ किसने सभी टीचरों की कुर्सियों को बाहर निकलवा दिया और कहां आप खड़े होकर पढ़ाइए अच्छे से खड़े होकर पढ़ाएंगे तो डिसिप्लिन ज्यादा रहेगा बच्चे बात नहीं करेंगे बट टीचर्स को ऑलरेडी खड़े होकर ही बढ़ते थे बट जब भी जरूरत होती थी बैठने की जैसे कि अटेंडेंस लगानी है तू बैठ जाया करते थे बट उसने यह भी नहीं करने दिया वह यही चाहती थी कि छोड़ कर चले जा और मैं नई टीचर रख लूं बट सभी टीचर्स इसकी हरकतों से परेशान हो गए थेएक दिन एक मैं जो कई सालों से स्कूल में पढ़ा रही थी वह बहुत अच्छी मैथ की टीचर्स दिन और वह बहुत अच्छे से समझाया भी करती थी बच्चों को इतनी अच्छे से समझती थी 

कि कोई भी उनकी क्लास में आंसर दे सकता था बच्चों को बहुत अच्छे से समझ में आ जाता था वह इजी वे मैं समझा दीजिए फॉर्मूलों को अपने तरीके से बताती थी ताकि अच्छे से लर्न हो जाए एक दिन क्या हुआ कि उनकी तबीयत थोड़ी सी खराब हो गई थी बुखार आ गया था बट वह फिर भी पढ़ने आई क्योंकि बच्चों की पर एग्जाम चलने वाले थे उनका लॉस हो जाएगा तो अपनी क्लास में बच्चों को ट्रिग्नोमेट्री पढ़ रहे थे बढ़ाने के बाद उन्होंने बच्चों को नोट करने के लिए दे दिया और एक बच्चे की सीट खाली थी वहां पर बैठकर थोड़ा आराम करने लगी क्योंकि उनकी तबीयत पहले से ही खराब थी तभी वाइस प्रिंसिपल की सर्वेंट ने उन्हें देख लिया और उसे जाकर बता दिया प्रिंसिपल आई और उन्होंने कहा क्या आप यह ओल्ड तरीके से बच्चों को पढ़ा रहे हैं 


आपका यह तरीका अच्छा नहीं है उन्होंने कहा इससे इजी हो जाता है बच्चों को लर्न करना बट उसे तो उन्हें निकलना था ना तो उसकी उसने एक नहीं सुनी और क्लास में अंदर गई और ट्रिग्नोमेट्री का टॉपिक आज ही स्टार्ट हुआ था कुछ ही फार्मूले बताए थे प्रिंसिपल ने कहा चलो आज हम आपका देख ही लेते हैं पद्धति क्या है तो उसने सरप्राइज टेस्ट किया बच्चों काएक बच्चे को खड़ा किया और बोर्ड पर जो भी लिखा हुआ था ट्रिग्नोमेट्री का समय हटाकर बच्चों से बच्चों से कहा ट्रिग्नोमेट्री क्या होती है समझाइए बच्चा डर गया उसकी मन से सब कुछ गायब हो गया था कुछ भी उसके समझ में नहीं आ रहा था। फिर उसने थोड़ा सा सोचा ध्यान किया तो उसे सब कुछ याद आ गया उसने बोर्ड पर लिख दिया यह सब देखकर प्रिंसिपल की सुलग गई और उसे बहुत गुस्सा आया


 और उसने बाहर बोल कर  उस टीचर को डांट लगाई और कहां क्या सीख रही हैं आपके बच्चों को पंडित बद्रीनाथ वगैरा-वगैरा यह सब ओल्ड चीज मेरे स्कूल में नहीं चलेंगे आपको अच्छे से पढ़ना पड़ेगा अगर आप नहीं पढ़ा सकती तो प्लीज छोड़ दीजिए उसे टीचर पर यह सब शहर नहीं हुआ उसने उसे हरि-कोटी सुना दी प्रिंसिपल को गुस्सा आ गया और उसने उसको टर्मिनेशन दे दिया और कहा की बच्चों की शिकायत आ रही है आप उन्हें अच्छे तरीके से नहीं पढ़ा रही हैं यह सब सुनकर उन्हें बहुत ही तकलीफ हुई क्योंकि उन्होंने कभी कोई कमी नहीं छोड़ी हर बच्चे को अच्छे से समझाया और वह अपने घर पर भी ट्यूशन बच्चों को फ्री में पढ़ती थी जो बच्चे गरीब थे जिनको जरूरत थी उन सभी को ट्यूशन देती थी 


और पेरेंट्स ऐसी बात करें तो उन पर उनको यह सब सहन नहीं हुआ और उन्हें हार्ट अटैक आ गया सभी टीचर्स घबरा गए और उनके पास आए और उनको जल्दी से अस्पताल पहुंचाया उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया उन्हें हार्ट अटैक आया था कोई मामूली चीज नहीं थी सब डर गए थे उनकी एक टीचर्स थी जो साथ में उनके पढ़ाया करती थी जिनका नाम ज्योति था वह अभी कुछ ही सालों से पढ़ना स्टार्ट किया था वह उन मैं को दीदी बुलाया कर दे दिया ज्योति दीदी को बहुत ज्यादा मानती थी और उनकी बहुत ही ज्यादा रिस्पेक्ट भी करते थे क्योंकि उसे पता था कि दीदी बहुत अच्छा पढ़ाती थी   उनके पढ़ाई बच्चों को समझ में आए ऐसा कभी हो ही नहीं सकता


इससे आगे की कहानी हम आपको अगले पाठ में बताएंगे आप हमारे साथ बने रहिए और हमारी पोस्ट पढ़ते रहिए और कमेंट भी करिए अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगती है इससे क्या होता है कि मुझे भी मोटिवेशन मिलता है और मैं पोस्ट लिखने में स्टोरी कहानी लिखने में प्रोत्साहित होता हूं तो प्लीज मुझे प्रोत्साहित करिए ताकि मैं और अच्छी-अच्छी कहानियां आपके सामने लेकर आ सकूं ।

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