1. भूमिगत जादुई सुनहरा कुआं underground megical golden well hindi kahani
Inspiring stories in Hindi | story of inspiration in Hindi Motivational story in Hindi for Depression
जूनापुर नाम का एक गांव रहता है उस गांव में शिवम नाम का छोटा मोटा धंधा करने वाला रहता है पैसा कमाने की बहुत कोशिश करता है लेकिन उसे वह जीत नहीं मिलती जो आम धंधा करने वाले को मिलती है एक दिन ऐसे ही वह अपना काफी सारा रुपया लगा देता है रात को घर जाता है जाते-जाते उसे रास्ते में एक बूढ़ी औरत मिलती है उससे पूछता है आप चाची इतनी रात में कहा जा रही हो आप कहो तो आपको छोड़ दू |नहीं नहीं
बेटा मेरा कोई ठिकाना नहीं है आज यहां तो कल वहां तुम परेशानी मत लो बेटा कहां जा रहे हो मैं तो अपने घर जा रहा हूं चाची लेकिन आपको छोड़ कर जाऊंगा बताओ चाची कहां छोड़ दूं आपको अरे बेटा मुझे तो बस अगले चौक में ही जाना है अरे मैं तो चली जाऊंगी लेकिन तुम इतना नाराज क्यों हो बेटा शिवम अपने सारे धंधे की बात उस चाची को बता देता है चाची भी हैरानी से शिवम की सारी बातें सुन लेती है उसकी बात कहने के बाद शिवम कहता है अब आप ही बताओ चाची में क्या करूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हैपास है
बेटा लेकिन वह रास्ता बहुत खतरनाक है अगर तुम जाने में कामयाब हो गए तो तुम्हारा सारा कष्ट खत्म हो जाएगा क्या सच में ऐसा हो सकता है चाची हां हां बेटा लेकिन उस रास्ते में जाने के लिए बहुत बड़ी हिम्मत रखनी होगी
क्योंकि वह रास्ता बहुत खतरनाक हैआप वो रास्ता बता दीजिए चाची क्योंकि मेरे पास उस रास्ते पर चलने के सिवा और कोई रास्ता नहीं है ठीक है बेटा यहां से कुछ 50 कोस दूर एक जंगल है उस जंगल के बीचोंबीच एक जगह पर अंडर ग्राउंड में एक बहुत ही गहरा कुआं है hindi motivational story
तुम तुम उस कुएं के पास जाओ और तुम उससे जो भी मांगोगे वह कुआं आपको वह दे देगा बूढ़ी चाची की बात सुनकर शिवम वैसा ही करता है और अगले दिन उस अंदर ग्राउंड की खोज के लिए निकल पड़ता है और कुछ दिन उस कुए के पास पहुंच जाता है उस अंदर ग्राउंड कुए के पास जाते ही कुआं शिवम से पूछता है तुम कौन हो और यहां क्यों आए शिवम कहता है अरे कुएं मेरी मदद करो मुझे रुपयों की सख्त जरूरत है मेरी इच्छा पूरी करो और मुझे कुछ सोना दे दो अच्छा तो यह बात है मैं अभी देता हूं थोड़ी ही देर में उसको ऐसे सोने के काफी सिक्के निकलते हैं उड़ते हुए और जमीन पर एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं short motivational stories in hindi with moral
काफी सारे से के जमा करके शिवम उस कुए से अपने घर वापस आ जाता है कुछ ही दिनों में शिवम उन रुपयों से अपनी प्रॉब्लम ठीक कर लेता हैलेकिन उसने यह सब कैसे किया उसका पड़ोसी पता लगा लेता हैऔर वह भी शिवम के जैसा ही करने की सोचता और सबसे पहले वह उस बूढ़ी चाची को पकड़ लेता है और बूढ़ी चाची से सब कुछ बात पूछ लेता है और बूढ़ी चाची के लाख समझाने पर भी वह उस कुए के पास पहुंच जाता हैऔर उसको ऐसे कहता है मैं बाकी लोगों जैसा नहीं हूं जो छुट्टी में सोना लेकर जाते हैं मैं तो सिर्फ एक बार में ही सारा सोना लेकर जाऊंगा
ऐसा कहकर वह उस कुएं में उतर जाता है और कुएं में चारों तरफ को सोना खोजने लगता है उसके बहुत खोजने के बाद भी उसे सोना प्राप्त नहीं होता है सोना खोजते खोजते वह बाहर आने का रास्ता भूल जाता है और उस कुएं में ही मर जाता है ।
2. Water tanker | inspirational Hindi kahani | short motivational stories with moral
सीतापुर नामक गांव में एक राजू नाम का आदमी रहता था राजू बेरोजगार था और कुछ खास नहीं करता था आवारा की तरह घूमता रहता था राजू गांव के चौपाल पर बैठकर आने जाने वाले लोगों को सताता रहता थाउसके पिता बाबू राम बाबू राम उसी गांव में हलचल आकर खेती कर अपने अपने घर का गुजारा किया करते थे एक दिन राजू चौपाल के पास आकर बैठा हुआ था कुछ देर में उसके पिताजी वहां से गुजरते हैं और कहते हैं क्यों रे राजू और कितने दिन तक आवारा घूमता रहेगा कुछ काम धाम कर सकता है कि नहीं
क्या पिताजी मुझे काम करना पसंद नहीं है और मैं जो काम करना चाहता हूं वह मुझे मिल नहीं रहा है आप ही बताइए पिताजी में क्या करूं इतना कहकर राजू वहां से चला गयाकुछ दिन बाद बाबू राम बूढ़ा हो गया और बाबू राम राजू से कहता हैराजू बेटा कोई काम-धाम देख लो अब मेरे से काम नहीं हो पा रहा हैघर की सारी जिम्मेदारी अब तुम्हें ही संभाल ले अगले दिन राजू घर में एक पर्ची देखता है उस उस पर्ची में लिखा होता है अर्जेंटली वांटेड वाटर टैंकर ड्राइवर सैलेरी 20000 कांटेक्ट नबर 12345 राजू ने तुरंत उस पंछी को देखकर उस पर लिखे हुए नंबर पर कांटेक्ट किया best inspirational story in hindi for success
और उनसे मिलने चला गया अगले दिन से ही राजू टैंकर को लेकर घर-घर पानी देने जाने लगा कुछ दिन इस तरह राजू काम करता रहा उस दिन बाद राजू का दोस्त रामू राजू से मिलने आता है और कहता है क्यों रे राजू क्या काम कर रहे हो राजू उसे सारी बात बता देता है अरे यह राजू तू कहा यह काम धंधे में लगा हुआ है मैं तो गांव वालों को उल्लू बनाकर अच्छा खासा सेट हो गया हूं मेरे पास बहुत पैसा हैयह बात कहकर रामू वहां से चला जाता है और रामू की यह बात सुनकर राजू के मन में भी लालच आ जाता है मेहनत करके तो कुछ खास नहीं कमा पा रहा हूं क्यों न कुछ चालाकी करके पैसा कमाया जाए राजू के मन में अब लालच आ चुका था उसने सोचाक्यों ना टैंकर को दो भागों में बांटकर आधा पानी गांव वालों को और आधा पानी ब्लैक में बेच कर अच्छा खासा पैसा कमा लूंगा
यह सोचकर राजू टैंकर को लेकर गैराज के पास में गया राजू गांव में पानी देने के बाद बचे हुए पानी को ब्लैक में बेच देता है इस तरह राजू कुछ दिन तक बहुत अच्छी तरह से पैसे कमाता है लेकिन कुछ दिन बाद गांव वालों को पानी कम पड़ने लगता हैइस तरह से सारे लोग वाटर डिपार्टमेंट डिपार्टमेंट में शिकायत कर देते हैं बहुत ही जल्दी नगर निगम वालों को टैंकर चालक की इस चालाकी के बारे में पता चल जाता है और भाई राजू को नौकरी से निकाल कर तुरंत ही जेल में डाल देते हैं
तो अब आप बताइए कि आपको इस कहानी को सुनकर क्या शिक्षा मिलती है दूसरों की बातें सुनने पर अपना घाटा होता है
3. ओल्ड एज होम | old age home |Real life Inspirational Stories in Hindi
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father and son best motivational story in hindi
रघुपुरा नामक गांव में सतीश और सीता नाम के पति पत्नी रहते थे सतीश और सीता का एक प्यारा सा बेटा भी थासतीश के घर में उसके पिता राजू बिरहा करते थे और वह छोटे-मोटे काम करके अपने बेटा सतीश की हेल्प किया करते थे कुछ दिन यूं ही बीत जाए एक दिन राजू बीमारी की वजह से खाट पर पड़ा हुआ था कुछ काम नहीं कर पा रहा था ऐसे ही कुछ दिन गुजरते गएराजू अब और भी बीमार होते हुए जा रहे थे इसलिए घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थेवजह से सीता को उनकी देखभाल करनी पड़ती थी कुछ दिन तक तो ठीक रहा लेकिन कुछ दिन बाद सीता उनकी देखभाल करते करते थक चुकी थी
और अपने मन में सोचती थी कि यह बुड्ढा और कितने दिन जिएगा कब मौत आएगी इसकी मुझसे नहीं होता है इसकी सेवा बेवा करनायह सोचते हुए कुछ दिन और गुजर गए 1 दिन सीता ने अपने पति से कहाइनको किसी वृद्ध आश्रम में छोड़ देना चाहिएदेखो सीता मेरे पिता बूढ़े हो गए हैं और इस हालत में उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ ना अच्छी बात नहीं होगी कुछ दिन सबर करो ना इस तरह से सतीश ने सीता को समझाने की बहुत कोशिश की कुछ कुछ दिन बाद सीता वही बात अपने पति से दोबारा कहने लगीइस बार सतीश को कुछ समझ नहीं आया इसलिए उसने सीता की बात को हां कह दियाअगले दिन सतीश वृद्ध आश्रम की जानकारी के लिए घर से निकल गया motivational story in hindi for success
तभी सतीश का बेटा सतीश से पूछता है पिता जी मैं भी आपके साथ चलूंबेटा में वृद्ध आश्रम की जानकारी लेने जा रहा हूं तुम्हारा वहां क्या कामपिताजी प्लीज मुझे अपने साथ ले चलिए ना पिता जी प्लीजबेटा के इतनी जिद करने पर सीता ने बेटी को बोला अरे तुम अंदर चलो तुम क्या करोगे वहां जाकर आप मेरे दादाजी को वृद्ध आश्रम छोड़ने जा रहे हो मुझे भी पता करना है वृद्ध आश्रम की जानकारी मेरी बीवी भी तो मेरी शादी के बाद मुझसे यही पूछेगी ना इसलिए मैं भी तो आपको वही छोड़कर आऊंगा इसलिए मैं चाहता हूं कि आप मुझे भी साथ लेकर चलें इसलिए मैं चाहता हूं कि अभी से ही जानकारी ले लूं बेटे की बात सुनकर सतीश और सीता को अपनी गलती का एहसास हुआ उसके बाद से उन्होंने अपने पिताजी का पूरे दिल से ख्याल रखा
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती हैजिस तरह से आप अपने माता-पिता का ख्याल रख रहे हैं आपके बच्चे भी वही सीख रहे हैं