2 amazing motivational story | आपको जरुर पढ़ना चाहिए

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1. खुशियों के माहोल को दुख में बदलने में time नही लगता ।Motivationbank 


रक्षाबंधन का समय था एक आरपीएफ का जबान अपनी बहन से मिलने के लिए अपने घर को रवाना होता है उधर उसकी बहन उसका बेसब्री से इन्तजार कर रही थी आरपीएफ के जबान का नाम मुकेश था उसकी उसकी बहन का नाम लता था लता ने जब अपने भाई के आने की खबर सुनी तो बहुत खुश हुई 





मुकेश अपने village से 20 किलोमीटर दूर था उसकी बहन से रहा नहीं गया तो उसने अपने भाई को फोन लगाया और पूछा भैया तुम कहा पर आ गए ।


तो मुकेश हसीं मजाक में बोल देता है में नहीं आने वाला पगली तू चाहे कुछ भी कर में नहीं आउगा और नकबेठी में तुझसे तो राखी नहीं बधवाउगा चाहे किसी और से बधवा लगा पर तुझसे तो बिल्कुल नहीं मुकेश ने मजाक में बोला ।


फिर लता बोलती भैया मुझे तुम पर बहुत गुस्सा आ रहा है कब आओगे जल्दी आओ ना भैया अच्छा भैया बताओ मेरी लिए क्या गिफ्ट लेकर आ रहे अच्छा वाला गुफ्ट लाना भैया ।


अच्छा नकबेथी में तो कुछ भी नी ला रहा हूं तेरे लिए 😃 हा तू एक रूपया लेना बस उतना ही काफी है तेरे लिए समझी नकबैथी ।भैया में रो दुगी अभी तुम मुझे बहुत तंग करते देखो मम्मी भैया फोन में बोल रहे है कि कुछ नहीं ला रहा में तेरे लिए अरे लता ले आएगा तू टेंशन मत ले पागल वो ऐसे ही बोल रहा है 


भैया अगर तुम नहीं लाए न गिफ्ट तो सोच लेना तुम मुकेश बोला अरे वो 2 रुपए वाली लोली पॉप ले आऊ बता पागल ।अच्छा रहेगा ना भैया तुमको न में रुक जा में आ रहा तब btauga तुझे तेरी चोटी पकड़ कर पिटाई करुगा ।भैया आ जाओ जल्दी याद आ रही है कहा हो अरे आ रहा हूं पागल ।भाई बहन का प्यार बहुत ही अनमोल है इसका तो कोई मोल भी नहीं है 



मुकेश बात करते करते आ रहा था रास्ते में रास्ते क्रॉस कर रहा था और फोन पर बात भी कर था उसका ध्यान भटक गया और दूसरी तरफ से गाड़ी आ रही थी गाड़ी बहुत स्पीड में थी उसने कहा रुको गाड़ी प्लीज रोको रोको इतना ही बोल पाया तब तक तो उसका हाल बेहाल ही गया और मुकेश उसी समय स्वर लोक सिधार गया 


और फोन चालू था तो उधर से बहन को पता चल गया अब तो बेचारी भूट भुट कर रोने लगी उसकी फैमिली का बुरा हाल हो गया था उसकी पत्नी तो बेहोश हो गई बहन तो मानो जैसे पागल ही हो गई हो उसकी फैमिली का रोरो के बुरा हाल हो गया village वाले धीरज बधा रहे पर क्या करे जबान लडके का दुख सबसे बड़ा दुख होता है 

 

आपने देखा एक पल में सारी खुशियां दुख में बदल गई ये किस्मत का खेल बहुत ही निराला है इसके आगे किसी की नहीं चलती है आप सोच सकते उस परिवार का क्या हाल होगा उस समय ।(और ऐसे ही कहानी read करने के लिए कहानी पर क्लिक करो )


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अपने पद का गलत प्रयोग नहीं करना चाहिए - मोटीवेशन स्टोरी Motivation bank



एक गांव में दो भाई रहते थे एक का नाम घनश्याम और दूसरे का नाम हरिशंकर था ये बहुत पैसे वाले थे इनके 10 - 15 भट्टा चलते थे भट्ठा तो आप जानते है होगे अगर जानते है तो comment करके बताना मुझे भी तो पता चले कोन कोन जनता है। अगर नहीं जानते हो तो आप अभी जान जाओगे चिंता मत कीजिए जहां ईट को पकाया जाता है जिसमें डालकर इटो को पकाते है उनको हम भट्टा कहते है (और कहानी पड़ने के लिए कहानी पर क्लिक करे )


चलाइए कहानी आगे बताते है बड़ा भाई का नेचर बहुत अच्छा था सभी लोग उससे खुश रहते थे और छोटा भाई बहुत ही मक्कार किस्म का था बहुत ही बहमीला था उसकी किसी की भी बात पर विश्वास नहीं होता था दोनों भाई भट्टा सभलते थे  



एक दिन की बात है कि भट्ठे पर कुछ worker काम कर रहे थे वो लोग गरीब थे इट पाथने वाले लोग भट्टा पर ही अपनी झोपड़ी डालकर रहते थे वही सोते थे और सुबह उठकर काम करते थे अपनी पूरे परिवार के साथ इट थापते थे सभी सात में तो क्या हुआ कि वो लोग इट पाथ थे तो जो छोटा वाला भाई था वो वहा आया और ईटो (कच्छी इट) के ऊपर पैर रखकर निकल गया उनकी सारी इट खराब कर दी वो लोग कुछ कह भी नहीं सकते थे क्युकी वो उनका मालिक था ।


उनको दुबारा इट पाथनी पड़ी ।भट्ठे पर 8 - 10 गाडियां लगी हुई थी इट ले जाने के लिए जहां भी इट जाती उन गाड़ियों से जाती थी थी पहले जमाने में लड़की की गाडियां हुआ करती थी उन्हीं गाड़ियों से इट जाती थी 



ये कहानी मुझे मेरे दादा जीने ने बताई थी काफी समय पहले अब वो तो नहीं रहे but उनकी सुनाई हुई कहानी मेरे पास हमेशा रहेगी इस कहानी से मुझे बहुत प्रेरणा मिली पहले के लोगो में बहुत ताकत होती थी अब तो कुछ नहीं है एक दिन की बात है गाड़ी वाला एक आदमी इट डालने का रहा था किसी के यहां किसी ने इट खरीदी थी तो वह वो आदमी इट डालने जा रहे थेइट डालने के बाद वापस आ रहे थे तो काफी लेट हो गए थे 


लगभग सुबह के 12 बज गए थे गाड़ी वाले आदमी को अपने घर कुछ इट ले जनी थी उसके घर भी काम चल रहा था तो वो आदमी अपने घर के लिए इट निकलवा रहा था मुनीम से ।मुनीम जो इट को गिनकर रखता था गाड़ी को लोड करता था 


तो मुनीम ने कहा भैया कितनी इट ले जाओगे गाड़ी में केवल 350 ही के जाते थे सभी की तो मुनीम ने कहा भैया ज्यादा डाल दी 8 - 10 इट तो आदमी ने कहा नहीं भाई रहने दो तुम मेरी गिनती की इट भर दी मुझे किसी की ज्यादा इट नहीं चाहिए 


तो मुनीम ने 350 इट भर दी गाड़ी वाले भैया बैल चलने के लिए पैना रखते थे बैल को चलाने के लिए तो वहीं पैना था उस आदमी के पास अब घनश्याम का भाई आया भट्टा और और उसने कहा ई टो को पल्टो इसमें इट ज्यादा है 350 से आदमी ने कहा बाबूजी जी इसने केवल 350 इट I ही है इससे एक भी ज्यादा नहीं है टी बोला नहीं इसने ज्यादा है sआदमी ने कहा मुनीम से भी पूछ सकते हो नहीं मुझे नहीं पता पलटो और गाड़ी वाला लेट ही रहा था उसने अभी तक रोटी नहीं खाई थी बेचारा भूखा था बोल रहा बाबूजी में लेट हो रहा हूं बाबूजी बोले नहीं इट पलटी और फिर मालिक ने गाड़ी को पलट दिया और इट काफी इट फूट गई 


फिर इटो को गुना टी जोड़ जड़ कर 350 निकली थी तो आदमी बोका हो गई न तसल्ली मालिक बोला ये इट के टुकड़ा के जाना दूसरी इट नहीं मिलेगी तो आदमी बोला क्यों नहीं मिलेगी इट तुमने तोड़ी है तो मालिक बोला में नहीं दे पाऊंगा फिर आदमी को गुस्सा आगई और बोला मैने अभी तक रोटी नहीं खाई है और तुम लेट कर रहे हो आदमी ने उठाया पैना और 8 - 10 उसके दे दिए फिर वो भगा वह से फिर नहीं आया इट पाथने वाले बोले भैया अच्छा किया तुमने ये बहुत दिन से परेशान के रहा था तुमने अच्छा किया 


और फिर उसके बड़े भाई आए सही सहारा करने अच्छा फिर गाड़ी वाले से वाले तुमने मेरे भाई को की पैना मारे फिर उसने सब बताया टी घनश्याम बोले गलती तुम्हारी तुम क्यों नहीं माने जब ये बोल रहे थे सब सही है तो उसको डांट पड़ गई इसलिए बोलते है गलत पद का फायदा मत उठाओ  


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